तुम तो अपन बाफ भुतवा लग हबा अउ अपन बाफ के इक्छा के पूर करै के चाहथा, ऊ तो सुरू लग खूनी रथै, ऊ सत्य हे ठाड नेहको रथै, काखे ओखर हे सत्य नेहको हबै जब ऊ झूठ बोलथै, ता अपनेन आदत के जसना बोलथै, काखे ऊ झूठा हबै अउ झूठ कर बाफ हबै।
कउनो मेर के गन्दा बात तुम्हर मुंह लग झइ निकरै, पय उहै जउन निक्खा बात होय अउ उन्नत के निता फायदा होय, असना बात जउन सुनै बाले के अनुगरह होय, असना बात मुंह लग निकरै।
भगवान के लरका कउन हबै? अउ भुतवा के लरका कउन हबै? तुम उनके हइमेर जान सकथै, सगलू मनसे जउन धरमी के काम हे नेहको चलथै अउ अपन भाई के माया नेहको करथै, ऊ भगवान के नेहको हबै।