8 ता फेर तुम काहिन देखै गय रहा, का निक्खा बन्डी पहिरे हर मनसे के? नेहको देखा जउन निक्खा बन्डी पहिरथै, ऊ तो राजभवन हे होथै।
यूहन्ना के चेला जाय बाले रथै, कि यीसु मनसेन के भीड हे यूहन्ना के बारे हे गुठेमै लगथै, तुम पतेरा हे का देखै गय रहा? का हवा लग डोलाय जाय बाले सरकन्डे के?
ता तुम काहिन देखै आय हबा का कउनो ग्यानी मनसे के, हां मै तुमही गुठेथो कि जेही तुम देखे हबा ऊ कउनो ग्यानी मनसे लग बोहत बडा हबै।
यूहन्ना उंटवा कर चूंदी के बन्डी ओढे रथै अउ कनिहा हे खलरी कर पट्टी बांधे रथै अउ ऊ चिड्डा अउ पतेरा कर मोहरस खाय करथै।
ता तुम काहिन देखै गय रहा? बढिहा खुरथा पइजामा पहिरै बाले मनसे के? नेहको मंहगा खुरथा पइजामा पहिरै बाले अउ मउज मस्ती हे जीवन गुजारै बाले मनसे पक्का घर हे रथै।
हम हइ टेम भुखे अउ पियासे हबन, फटे पुरान बन्डी पहेनथन, अउ मार खाथन अउ इछो उछो भटकत फिरथन,
मै बोहत मेहनत करव अउ बोहत रात जागत बितायों, मोके हरमेसा खाना नेहको मिलिस, उपास ठंड अउ कपडन के कमी के कारन हइ सब मै सहत रहों।
मै अपन दुइठे गवाह के आदेस दइहों अउ ऊ अक हजार दुइ सव साठ दिन तक आगू कर बात गुठेही, ऊ सन के फट्टी ओढ के अराधना करत रइहीं।”