नियाव के दिन नीनवे सहर के रहै बाले निबासी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड हुइ अउ उनही दोसी ठहराही, काखे उन योना के संदेस सुनके मन बदलथै अउ देखा, इछो तो कउ कउनो योना लग बड के हबै।
गेराठे चेला जब भात खाये के बइठत रहै, ता यीसु अचानक आथै, अउ उनखर अबिस्वास अउ मन के कठोर होय लग बिस्वास नेहको करथै, ता ऊ गधारिस इहैनिता कि ओखर जी उठे के बाद देखेबाले के बात पय उन बिस्वास नेहको करथै।