16 पय हइ पुरखा के बरोबरी केखर लग करव? ऊ बजार हे बइठके उन लरकन के जसना हबै जउन अक दूसर लग पुकार के कहत हबै,
जेखर कान होय ऊ सुन ले।
हम तुम्हर निता बसुरी बजायन, पय तै नेहको नाचे तुम्हर निता दुख के गाना गयों पय तै नेहको रोय।
अरे सपुवा के लरका तुम बेकार हुइके कसके निक्खा बात गुठे सकथा? जउन मन हे भररे हर हबै उहै बात मुंह लग बाहिर निकडथै।
मै तुम्हर लग सही कथो, हइ सगलू बात हइ टेम के मनसेन हे आय पडही।
बजार हे बडा इज्जत के संग नमस्ते करामै के चाहथै अउ चाहथै कि मनसे उनही गुरू कहिके बुलामै।
मै तुम्हर लग सही कथो, जब तक हइ बात पूर नेहको हुइ जही ता हइ बिरादरी के मनसे नेहको मरही।
सिक्छा देत टेम यीसु कथै, नियाव के गुरू लग चेतन्न रहा, ऊ मनसे लम्बा-लम्बा खुरथा पइजामा ओढ के बजार हे बागथै, ऊ मनसेन लग नमस्ते सुनय के पसंद करथै।
फेरै यीसु कथै, भगवान कर राज केखर जसना हबै? अउ किस्सा दइके भगवान कर बारे हे कसना समझाउ।
हे फरीसी मनसे तुम्हर उप्पर हाय काखे तुम बिनती भवन हे निक्खा आसन ढूंढथा, अउ बाजार हे मनसे दवारा नमस्ते पसंद करथा।
यीसु कथै, “भगवान कर राज केखर जसना हबै? मै एखर बराबरी केखर लग करव?