“यूहन्ना बतिस्मा देय बाले के आमै तक मूसा कर नियम अउ ग्यानी मनसे परभावित रथै, ओखर बाद भगवान कर राज के संदेस सुनाय जथै अउ बोहत मनसे भगवान कर लिघ्घो आमैके परयास करत हबै।
जउन मनसे पानी के डोलय के ओरगत रथै काखे उन मानथै कि भगवान कर स्वरगदूत झिरिया हे उतर के पानी के डोलय करथै, पानी डोलतै मन्तर जउन कउ आगुन कूदथै, ऊ निक्खा होय जथै, चाहे ओखर कउनो मेर के बिमार काहेका झइ होय।
ऊ भोजन के निता मेहनत झइ करा, जउन नास हुइ जही, पय ओखर निता मेहनत करा जउन सबरोज के जीवन ठहरथै, जउन मनसे कर टोरवा तुमही देही काखे बाफ भगवान उहै हे छाप लगाय हबै।
हे पिरिया मोर भाई बेहन जउन मेर तुम हरमेसा मोर बात मानत हबा, उहै मेर अब मोर उपस्थिति लग जादा मोर अनुपस्थिति हे अउ जादा खुसी लग तुम डरत कापत अपन मुकति के काम हे लगे रहा।