29 का अक्ठी पइसा हे दुइठे गलइया नेहको बिकथै? तउभरमा तुम्हर बाफ के जानै बिना अउ ओखर इक्छा के बिना भुंइ हे नेहको गिर सकथै।
मै तुम्हर लग सही कथो, तै जेल लग तब तक नेहको छुटबे जब तक तै पाई-पाई नेहको चुका पइहे।
बादर के चिरइयन के देखा, ऊ न तो बोमै न काटै न कोठला हे भरथै, तउभरमा तुम्हर स्वरग कर बाफ चिरइयन के खबाथै, का तुम्हर कीमत उनखर लग बढके नेहको हबै?
अक्ठी गरीब बिधवा डउकी रथै, उहां आयके दुइठे तांबा के चिल्लर डालथै, जउन दुइ सव के बरोबर रथै।