यीसु कथै, “मनसे कर टोरवा के बोहत परेसानी उठामै के होही, हइ जरूरी हबै सियान अउ पंडित अउ नियाव के गुरू दवारा बेकार समझ के मार डरहीं अउ ऊ तीसर रोज जिन्दा हुइ जाय।”
अउ जिहां तक हम सबके सबाल हबै, हमर छाप हे परदा नेहको हबै अउ हम सब अइना के मेर परभु के उजियार के धियान करथन हइ मेर हम धीरे-धीरे परभु के उजियार हे बढथन हइ उजियार परभु लग मिलथै, मतलब आतमा लग।
मै उके जबाब दयों, हे परभु, तै तो जानथस अउ उन मोर लग कहिस, “हइ ऊ मनसे हबै, जउन बडा दुख मसे निकड के आय हबै, इन गेडरा के खून हे अपन खुरथा पइजामा धोय के चरका के लय हबै।