44 ऊ डउकी पाछू ले आयके यीसु के कपडा के चुप्पे लग छि लेथै, अउ उहै टेम ओखर खून बोहय के बन्द हुइ गइस।
यीसु के उनखर उप्पर दया आथै अउ ऊ उनखर आंखिन के छिथै अउ उन उहै टेम देखै लग जथै अउ उन यीसु के पाछू हुइ लइन।
यीसु हाथ बढाय के ओहि छियत कथै, मै चाहथो कि तै निक्खा हुइ जा, उहै टेम ऊ मनसे कोढ नंगहा लग सुध्द हुइ गइस।
उहै टेम अक्ठी डउकी रथै, जेही बारा साल लग खून बोहै के नांगा रथै अउ ऊ पाछू लग यीसु के लिघ्घो आथै अउ ओखर खुरथा पइजामा के छोर के छि लेथै।
यीसु जउन गांव, कउनो सहर या मोहल्ला छो जथै, उहां मनसे अपन नंगहन के बजार छो लइ आनथै, अउ ओखर लग बिनती करथै, कि ऊ अपन खुरथा पइजामा के छोर के छियदे, जउन ओही छि लेथै, ऊ निक्खा हुइ जथै।
यीसु ओखर हे हाथ धरिस, उहै टेम ऊ डउकी सिध्धा ठाड हुइ गइस अउ भगवान के बडाई करै लगथै।
अउ रोउत यीसु के पाछू ओखर गोड के लिघ्घो ठाड हुइ गइस, अउ अपन आंसू लग यीसु के गोड धोय के अपन बाल लग पोछै लगिस, ऊ बेर-बेर ओखर गोड के चूमथै अउ महकनी तेल लगाथै।
उहां अक्ठी डउकी बारह साल लग खून बोहय के नांगा हे रथै, ऊ अपन सगलू जीवन भर मेहनत के कमाई गुनिया हे खरचा कर चुकथै, अउ कउनो उके निक्खा नेहको कर सकिन।
यीसु कथै, “मोके कोनहर छिय हबै?” जब सगलू मनसे मना करथै, ता पतरस अउ ओखर संगी यीसु लग कथै, “हे स्वामी मनसेन के बोहत भीड हबै, अउ तोर गोड तरी गिरे पडथै अउ तैहां पूछथस कि मोके कोनहर छिय हबै।”
जउन निक्खा हुइ गय रहै, ऊ नेहको जानथै, कि ऊ कोन हबै, काखे ऊ जिघा हे बोहत भीड होमै के कारन यीसु उहां लग कढ जथै।
इहां तक कि ओखर छुवै उरमाल अउ साफी के नंगहन के लिघ्घो लइ जाय करथै अउ उन नंगहा निक्खा हुइ जथै, अउ भुतवा उनखर मसे निकड जथै।
सही हइ हबै कि मनसे अपन नंगहन के लइके खटिया हे गलिन हे सोबाथै, ताकि जब पतरस उछो लग निकडही ता उनखर मसे कुछ हे ओखर छाय पड जाय।