ऊ बिजहा जउन गली कर टाठा हे गिरे रथै, ओखर मतलब हबै, कि जब कउ स्वरग के राज के संदेस सुनथै, अउ उके नेहको समझथै, ता भुतवा आय के ओखर मन हे जउन बिजहा बोय रथै उके चुराय लइ जथै।
इहैनिता तुम्हर जिन्दगी हे जउन बुराई अउ गुस्सा हबै, उके दूर करके ऊ संदेस के नमरता लग अपनाउत जा, जउन तुम्हर मन हे बोय जथै, अउ तुम्हर आतमा के मुकति करै हे सक्ति हबै।