चेलन के गुरू के बरोबर होय हे अउ हरवाहन के मालिक के बरोबर होमै हे संतोस करैका चाही, अगर मनसे घर के मुखिया के भुतवा कथै, ता उन ओखर घर बालेन के का कुछ नेहको कइहीं?
ऊ बजार हे बइठे हर लरकन के जसना हबै, जउन अक्ठी दूसर लग पुकार के कथै, हम तुम्हर निता बसुरी बजायन, पय तुम नेहको नाचे, हम तोर निता रोय के गाना गायन, पय तै नेहको रोय।