32 ऊ बजार हे बइठे हर लरकन के जसना हबै, जउन अक्ठी दूसर लग पुकार के कथै, हम तुम्हर निता बसुरी बजायन, पय तुम नेहको नाचे, हम तोर निता रोय के गाना गायन, पय तै नेहको रोय।
लगभग नव बजे के टेम ऊ मालिक फेर घर लग बाहिर निकडथै अउ देखथै कि कुछ मनसे बजार हे इछो-उछो बेकार ठाड हबै।
यीसु आगू कथै, मै हइ पुरखा के मनसेन के बरोबरी केखर लग करव? ऊ केखर जसना हबै?
यूहन्ना बतिस्मा देय बाले अउ ऊ न रोटी खाइस अउ दाखरस पीइस अउ एखर हे तुम काहिन कथा, ओखर हे भुतवा लगे हबै।