जब यीसु नाईन सहर के परवेस दूरा के लिघ्घो पहुंचथै, ता मनसे अक्ठी मरे हर मुरदा के बाहिर मरघटियानी छो लइ जथै, ऊ अपन दाय के अक्ठिन टोरवा रथै अउ ओखर दाय बिधवा रथै अउ सहर के बोहत लग मनसे ओखर संग रथै।
जउन दुखी हबै, उन असना रहै कि कउनो दुख नेहको हबै, जउन मगन हबै, उन असना मनामै कि कउनो मगन नेहको हबै, जउन कुछु चीज के धंधा करत होय, उन असना करै कि उनखर लिघ्घो कुछु चीज नेहको हबै,
हे भाई, हम नेहको चाहथन कि तुम उनखर बारे हे अनचिन्हार रहा, जउन मर गय हबै, कहुं असना झइ होय कि तुम उन मनसेन के जसना दुखी बनाबा, जिनही कउनो आसा नेहको हबै।
इहैनिता उके हर मेर लग ओखर भाई के जसना बनाय गइस ताकि ऊ भगवान के सेबा हे दया बाले अउ बिस्वास करै बाले पुजारी बन सकै अउ मनसेन के पापन लग छमा के निता जीव दइ सकै।