यीसु जबाब देथै, अगर तै भगवान के बरदान के जानथस अउ इहो जानथस कि ऊ कउन हबै जउन तोर लग कथै, “मोके पानी पिला, ता तै ओखर लग मांगबे अउ ऊ तोके जीवन के पानी देही।”
धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
तब मै राजगद्दी लग अक्ठी आरो सुनथो, ऊ कथै, “देख अब भगवान के मन्दिर मनसेन के बीच हबै अउ ऊ उनखर बीच घर बनाय के रहे करही, ऊ ओखर चेला हुइहिन अउ खुद भगवान उनखर भगवान होही।