“परभु कर आतमा मोर संग हबै, काखे ऊ मोर अभिसेक करे हबै, ऊ मोके पठोय हबै, कि मै कंगालन के संदेस सुनाव, अउ जेलियरन के मुकति करो, अउ अंधरन के फेरै आंखी देय के संदेस दों, मै दलित मनसेन के आजाद करव।”
धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
हे मोर पिरिया भाई अउ बेहन, सुन लेया। का भगवान उन मनसेन के नेहको चुने हबै, जउन दुनिया के नजर हे गरीब हबै, ताकि उन बिस्वास के धन्नड हुइ जाय अउ ऊ राज के बारिसदार बनै, जउन ऊ अपन सेबकन के देय के निता टीमा करे हबै, जउन ओखर लग माया करथै?
मै तोर दुख अउ कंगाली के बारे हे जानथो पय तै धन्नड हबस अउ मै हइ जानथो, कि उन मनसे तुम्हर केतका बदनामी करथै, जउन अपन खुद के यहूदी कथै अउ उन हइयो नेहको हबै, बलुक उन भुतवन के भक्ति करै बाले सभा हबै, उनखर बुराई के जानथो।