42 बडे सुबेन्नेन यीसु घर लग निकरके कउनो सुनसान जिघा छो कढ जथै, पय मनसे उके ढूंढत-ढूंढत ओखर लिघ्घो पहुंच जथै, अउ उनखर लग अनुरोध करथै कि ऊ हमके छांड के झइ जाय।
ऊ मनसे अपन निक्खा होय के बारे हे जाय के परचार करथै, इहै कारन लग यीसु के छुट्ठम छुट्ठा नगर हे जाय के बन्द हुइ जथै, ऊ डोंगर छो रहे लागथै, अउ चारो चउगिरदा लग मनसे ओखर लिघ्घो आउत रथै।
पय चेला हइ कहिके उनखर लग बिनती करिन हमर संग रही जा साम होथै, अउ अब दिन बुड चुके हबै, ऊ उनखर संग ठहरै के निता भित्तर गइस।
ऊ रोज यीसु बिनती करै के निता अक्ठी डोंगर छो जथै, अउ सगलू रात भगवान लग बिनती करत गुजार दइस।
यीसु चेलन लग कथै, मोर खाना इहै हबै कि अपन पठोमै बाले के इक्छा के जसना चलो अउ ओखर काम पूर कर सको।
जब ऊ सामरी डउकी यीसु के लिघ्घो आथै अउ ओखर लग बिनती करै लागथै, हमर इछो रही ले, इहैनिता यीसु उहां दुइ रोज रथै।
इहैनिता जब भीड देखथै कि इछो यीसु नेहको हबै अउ न ओखर चेला, ता उनो नाह जिहाज हे चढके ओही खोजत कफरनहूम सहर छो पहुंचथै।