तुम तो अपन बाफ भुतवा लग हबा अउ अपन बाफ के इक्छा के पूर करै के चाहथा, ऊ तो सुरू लग खूनी रथै, ऊ सत्य हे ठाड नेहको रथै, काखे ओखर हे सत्य नेहको हबै जब ऊ झूठ बोलथै, ता अपनेन आदत के जसना बोलथै, काखे ऊ झूठा हबै अउ झूठ कर बाफ हबै।
भगवान के दुइ बात हबै, ओखर टीमा अउ किरिया जउन कबहुं नेहको बदल सकथै अउ जेखर बारे हे भगवान कबहुं झूठ नेहको कहि सकथै। इहैनिता जउन भगवान के लिघ्घो सुरक्छा पामै के निता आय हबै अउ जउन आसा ऊ हमही दय हबै हम ओहमा बने रही।