17 ऊ हाथ हे सूपा लइ चुके हबै, जेखर लग ऊ गोहूं के भूसा लग अलगे करके अपन खनेड के निक्खा साफ करके कोठला हे धरही पय भूसा के कबहुन नेहको बुझै बाले आगी हे डारी।”
गोहूं अउ जंगली चारा के काटै तक संग बढै देया, ऊ टेम मै मजदुरिहन के आदेस देहुं, जंगली चारा अक्ठी जिघा करके बोझा बांध देया, कि उनके लेस दय जाय, पय गोहूं मोर कोठला हे अक्ठी जिघा करा।”