50 एखर बाद यीसु चेलन के बैतनिय्याह गांव तक लइ गइस अउ ऊ अपन हाथ उठायके उनही आसीस दइस।
फेर चेला जैतून नाम डोंगर लग जउन यरुसलेम लग करीबन अक कोस के दुरिहां हे हबै, यरुसलेम छो लउट आथै।
ता यीसु उनही छांड के यरुसलेम नगर के बाहिर बैतनिय्याह गांव छो कढ जथै अउ उहैं रात गुजाडथै।
जसना ही यीसु यरुसलेम नगर के लिघ्घो आथै, अउ बैतफगे अउ बैतनिय्याह गांव के लिघ्घो पहुंचथै, जैतून के डोंगर हे यीसु मसीह दुइठे चेला के गुठे के पठोथै।
तब यीसु नान लरकन के अपन हाथ हे लेथै, अउ उनखर उप्पर हाथ धरिस, अउ उनही आसिरबाद देथै।
आसीस देयत-देयत ऊ उनखर लग अलगे हुइ गइस अउ स्वरग छो उठाय लइ गइस।
एतका कहै के बाद यीसु उनखर देखत-देखत उप्पर उठाय लय गइस अउ अक्ठी बादर उन चेलन के आंखी के अंधियार कर दइस।
इहैनिता मै चाहथो कि हर जिघा हे डउका, बेगैर गुस्सा के अउ बेगैर झगडा के, भगवान के पवितर हाथन के उठाय के बिनती करे करै।