“हे यरुसलेम, हे यरुसलेम, तै ग्यानी मनसेन के हत्या करथस अउ अपन लिघ्घो पठोय हर संदेस देय बालेन के पथरन लग मार डारथस, मै केतका बेर चाहो कि तोर लरका के अक जिघा कर लो, जसना कुकडी अपन लरकन के अपन डेखना के तरी अक जिघा कर लेथै, पय तै मोके हइ करै नेहको दय।
तब पोलुस अउ बरनबास निडर हुइके कथै, जरूरी रहिस कि भगवान कर बचन आगू तुमके सुनाय जथै, पय जब तुम उके दूर हटाथा अउ अपन के सबरोज कर जीवन के जसना नेहको ठहराथा, देखा हम गैर यहूदी के पल्ला फिरथन।
तब पतरस उनखर लग कथै, “मन बदला अउ अपन पापन के छमा पामै के निता तुम्हर मसे हरेक झन के यीसु मसीह के नाम लग पानी हे बतिस्मा ले चाही अउ तुमही पवितर आतमा के बरदान मिलही।
कि तै उनखर आंखी उघार कि उन अंधियार लग उजियार के पल्ला अउ भुतवा के हक ले भगवान के पल्ला फिरै, कि पापन के छमा अउ उन मनसेन के संग जउन मोर हे बिस्वास करै लग पवितर करे गइन बरदान पामै।
पय आगू दमिस्क के, फेर यरुसलेम के अउ तब यहूदिया के सगलू देस के रहैबालेन के, अउ गैर यहूदी के मै हइ परचार करव, कि उन पछताप करय, भगवान के पल्ला मुडै अउ मन बदलै के काबिल काम करै।
भगवान उनके दिलामै चाहथै कि गैर यहूदी हे ई रहस्य के केतका महिमामय समरध्दी हबै, ऊ रहस्य हइ हबै, कि मसीह तुम सबके बीच हबै, अउ उन हे तुम सबके महिमा के आसा हबै।