29 पय चेला हइ कहिके उनखर लग बिनती करिन हमर संग रही जा साम होथै, अउ अब दिन बुड चुके हबै, ऊ उनखर संग ठहरै के निता भित्तर गइस।
ता घर के मालिक हरवाह के आदेस दइस, अब तै सहर के बाहिर के सडक अउ बखरी के पल्ला जा अउ मनसेन के भित्तर लामै के निता मजबूर कर कि मोर घर भर जाय।
जब ऊ उस गांव कर लिघ्घो पहुंच गइन जिहां उन जात रथै, यीसु असना दिखाइस कि ऊ आगू जायके चाहथै।
जब यीसु उनखर संग भोजन करै मेज लग बइठथै, ता ऊ रोटी लेथै अउ आसीस मांगिस अउ टोर के चेलन के देय लगथै।
लुदिया नाम के थुआतीरा सहर के बैगनी कपडा बेचै बाले अउ भगवान कर आराधना करथै, ऊ डउकी हमर बात सुनत रथै। परभु ओखर मन के दूरा खोलथै कि ऊ पोलुस के बातन हे मन खुसी लग सुनै।