21 पय ऊ मनसे चिरलाय के कथै, “उके क्रूस हे टंगाबा, इके क्रूस हे टंगाबा।”
फेरै लग ऊ चिरलाथै, “उके क्रूस हे टंगाबा।”
पिलातुस यीसु के छोड देय चाहथै, इहैनिता ऊ मनसेन के समझाथै।
पिलातुस तीसर बार पूछथै, काखे ऊ कउन गलती करे हबै, मोके एखर पल्ला कउनो मेर के बुराई नेहको मिलथै, इहैनिता मै इके कोडा लगवा के छांड देथो।
पय ऊ मनसे बोहत आरो करके चिरलाय के मांग करै लागथै, इके क्रूस हे टंगाबा अउ मनसेन के चिरलाना बोहत बढ जथै।
हइ बात सुनके उन चिल्लाय उठथै, “एही लइ जा, एही क्रूस हे टंगाबा” पिलातुस उनखर लग कथै, “का मै तुम्हर राजा के क्रूस हे टंगाय दो?” पंडित जबाब देथै, “कैसर के छांड के अउ कउनो राजा नेहको हबै।”
अउ उनही मिरतू के सजा देय के कारन नेहको मिलथै, तउ उन पिलातुस लग उके मरवा डारै के मांग करथै कि उके मार डारे जाय।