पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
तब उन यीसु के कैफा के लिघ्घो राजभवन छो लइ जथै अउ मुरगोसा के टेम रथै, यहूदी नेता राजभवन घर के भित्तर इहैनिता नेहको जथै, कि गैर यहूदिन के मिलन लग असुध्द झइ हुइ जइ, बलुक फसह के खाना खाय सकै।
खुदय महा पुजारी अउ सियानन के सगलू हइ बात के गवाह हबै, मै दमिस्क हे इनखर भाई के नाम उनखर लग चिट्ठी लयो, अउ परभु के रास्ता बाले समूह के उहां रहै बाले मनसेन के पके के बन्दी के रूप हे यरुसलेम लामै के निता मै गय रथो, ता उनही सजा दिलाय सको।