65 ऊ मनसे ओखर बुराई करै के निता ओखर बिरोध हे कथै।
उछो लग आमै-जाय बाले मनसे यीसु के बुराई करत अउ मूड डोलाउत,
तब कुछ यहूदी गुरू अपन मन हे सोचथै, “हइ तो भगवान के बुराई करथै।”
अगर कउ मनसे कर टोरवा के बिरोध हे कउनो सब्द कथै, उके तो छमा कर दय जही, पय पवितर आतमा के बुराई, छमा नेहको करे जही।
अउ यहूदी मंडली हे उनके सजा दय करथो अउ भगवान के बुराई ऊ बिस्वास के छांडै के निता दबाव के परयास करथो, उनखर पल्ला मोर गुस्सा एतका अधिक रथै कि उनके सतामै के निता बाहर के सहर तक गयों।