50 अउ उनखर मसे अक्ठी महायाजक के हरवाह, ओखर दहिना पल्ला के कान के काट देथै।
पय उन मसे अक्ठी चेला अपन तलबार निकाडके, पुजारी के अक्ठी हरवाह के कान के काट देथै।
ओखर संगी जब हइ देखथै, कि काहिन होय बाले हबै, ता कथै “हे परभु का हम तलबार चलइ?”
ई बात लग यीसु कथै, अब बस करा अउ ओखर कान के छुइ के निक्खा कर देथै।
हे पिरिया भाई तुम खुदय के नियाव झइ करा, पय उके भगवान के क्रोध हे छांड देया, काखे पवितर किताब हे लिखररे हबै, परभु कथै, पलटा लेय के मोर काम हबै, मै पलटा लेहूं।
काखे जउन किताब लग लडाई करथन, ऊ संसारिक नेहको हबै, बलुक ओहमा भगवान के सक्ति हबै, जेही ऊ हर मेर के गढन के नास के देथै।