यीसु मनसेन के चारा हे बइठै के आदेस दइस, तब ऊ पांच रोटी अउ दुइठे मछडी अपन हाथ हे लइके स्वरग के पल्ला खाना के निता धन्यबाद देय के बाद, रोटी टोर-टोर के चेलन के दइस अउ चेला मनसेन के।
स्वरग लग उतरे हर ऊ जीवन के रोटी हे आंव, अगर कउ हइ रोटी मसे खाही, ता ऊ सबरोज जिन्दा रही अउ जउन रोटी मै देहुं, ऊ मोर देह हबै जउन मै दुनिया कर मनसेन के निता बलि करिहों।
ऊ अपन देह हे हमर पापन के क्रूस हे लाद लइस, जेखर लग हम पाप के निता मर के नियाइपन के निता जिये लग जइ, तुम ओखरै मार खाय के दवारा तुम नांगा लग निक्खा होय हबा।