10 यीसु उनखर लग कथै तुम जसना सहर हे घुसिहा, ता तुमही पानी लग भरेहर अक्ठी गघरी लइ जात अक्ठी मनसे मिलही, ता ओखर पाछू हुइ लेबे जेखर घर छो ऊ जइ, तुमो ओखर पाछू कढ जाबे।
मनसे के मुंह के भित्तर लग जउन कुछु जथै, ऊ मनसे के असुध्द नेहको करथै, बलुक ओखर मुंह लग निकडे हर सब्द उके असुध्द करथै।”
अउ घर के मालिक ले गुठेइहा, गुरू तोर ले पूछे हबै, कि ऊ पहुना के घर कछो हबै, जेहमा मै अपन चेलन के संग फसह तेउहार के भोजन कर सको?
ऊ उनखर लग पूछथै तुम हमर लग काहिन चाहथा, हम कछो ओखर तइयारी करी?
हइ सच्चाई मै इहैनिता परगट करथो, कि जब हइ सब होमै लगही ता तुमही सुरता आबै कि इनखर बारे हे मै तुमही पहिलेन लग गुठे दय रहों, मै तुमही सब कुछ सुरुवात हे इहैनिता नेहको गुठे रहों कि ऊ टेम मै तुम्हर संग रहों।