36 यीसु कथै, सबरोज जागत रहा अउ बिनती करत रहा, ताकि तुम हइ आमै बाले परेसानी लग बच सकिहा अउ मनसे कर टोरवा के आगू हिसाब दइ सकिहा।
इहैनिता जागत रइहा, काखे तुमही नेहको खबर हबै कि परभु कउन रोज आही।
हइ निक्खा मेर समझ लेया अगर घर के मालिक के पता होतिस कि चोरटा रात के कउन टेम आही, ता ऊ जागत रहितै अउ अपन घर हे चोरी नेहको होंय देतिस।
इहैनिता तुम तइयार रहा, काखे जउन टेम तुम सोचतो नेहको हबा उहै टेम मनसे कर टोरवा आय जही।”
इहैनिता जागत रहा, काखे तुम ऊ घडी के अउ ऊ टेम के नेहको जानथा, कि कब मनसे कर टोरवा आही।
जागत रहा अउ बिनती करत रहा, कि तुम परिक्छा हे झइ पडिहा आतमा तइयार हबै, पय देह ढिलवा हबै।”
यीसु ओखर लग कथै, “सिकटा के टोंका होथै अउ बादर के चिरइया के गोंदा होथै, पय मनसे कर टोरवा के लिघ्घो सोमैके अउ अराम करै के निता जिघा नेहको हबै।”
जागत रहा अउ तइयार रहा, काखे तुमके नेहको पता कि ऊ टेम कब आही।
अउ जउन तुम्हर लग कथो, ऊ सब लग कथो, जगत रहा।”
तब स्वरगदूत जबाब देत कथै, “मै जिब्राईल हव, मै उहै हव, जउन भगवान के आगू ठाड रथो, मोके तोर लग बात करै के अउ हइ संदेस के गुठेमै के पठोय गय हबो।
यीसु चेलन के हइ बात गुठेमै के निता, कि उनही सबरोज बिनती करै चाही अउ निरास नेहको होय चाही, हइ किस्सा सुनाइस।
पय ऊ मनसे जउन पीढी के कउनो हिस्सा जसना, अउ मरे हर मसे जिन्दा होय के निता ठहराय गय हबै, ऊ न तो काज करही अउ न काज करके बिदाई करे जही।
इहैनिता कि ई टेम सगलू भुंइ हे रहैबाले मनसे हे इहै मेर जसना आय पडही।
अउ ऊ हरवाह रहिस अउ अपन सगलू घर कर मनसे भगवान लग डरथै। अउ यहूदी गरीब मनसेन के बोहत दान देथै अउ बराबर भगवान लग बिनती करत रथै।
तुम जागत रहा, बिस्वास हे मजबूत बने रइहा, हिम्मत अउ बलवान बना।
हम जानथन कि जउन परभु यीसु के फेरै लग जिन्दा करिस, उहै यीसु के संग हमु के फेरै जिन्दा करही, अउ तुम्हर संग हमु के अपन लिघ्घो रख लेही।
बिनती हे हरमेसा लगे रहा, अउ जब तुम बिनती करा ता हरमेसा भगवान के धन्यबाद करत रहा।
लगेतार पराथना बिनती करत रहा,
पय तुम हइ सगलू बारे हे सचेत रहबे, परेसानी के सहि लइहा, भगवान के संदेस के परचार के काम करिहा, अपन सेबा के पूर करिहा।
ऊ टेम निकट हबै जब सब कुछ बढाय जही, इहैनिता समझदार बना अउ धीर धरा, जेखर लग तुम पराथना बिनती के सका।
तुम धीर धरे रइहा, अउ जगत रइहा काखे तुम्हर बिरोधी परेत गरजय बाले बघवा के जसना हबै हइ खोज हे बागत रथै कि करही चीर खाव।
पिरिय लरका तुम उनखर हे बने रहा, जेखर लग जब ऊ परगट होय ता हमके पूर भरोसा होय अउ उनखर आय लग उनखर आगू हमके बेज्जती नेहको होय पडै।
अब जउन तुमही ठोकड खाये लग बचा सकथै, अउ ओखर महिमा के उपस्थित हे तोके बडा खुसी के संग निरदोस करके परस्तुत के सकथै।
हइ दुइ गवाह जैतून के दुइठे रूख अउ दुइठे चिमनी हबै जउन भुंइ के परभु के आगू ठाढ हबै।
काखे ओखर गुस्सा के भयंकर दिन आय पहुंचे हबै, असना कोन हबै जउन ठाढ रही सकथै?”
एखर बाद मै देखो कि मोर आगू अक्ठी बडा भीड के ठाढ देखे रथो, जेखर गिनती कउ नेहको कर सकथै, हइ भीड मसे हर कुर के मनसे, हर भासा के मनसे रथै, उन ऊ राजगद्दी अउ ऊ गेडरा के आगू ठाढ रथै, ऊ चरका खुरथा पइजामा पहिने रथै अउ उन अपन हाथन हे खजूर के डगइल लय हर रथै।
फेर मै भगवान के आगू ठाढ होय बाले सात स्वरगदूत के देखो, उनके सात पोंगा दय गय रथै।