28 जब ई बात होय लगी ता, अपन मूड उप्पर के पल्ला उठाबे, काखे कि तुम्हर मुकति होय के लिघ्घो आय चुके होही।”
उहां अक्ठी डउकी रथै, उके अठारा साल लग कमजोरी करै बाले आतमा लगे रथै, जेखर कारन ओखर देह झुक के कुबडी हुइ गय रथै, अउ कउनो मेर ऊ सिध्धा नेहको हुइ पाथै।
ता का भगवान अपन चुने हर मनसेन के निता नियाव के जुगाड नेहको करी, जउन रात दिना चिरलात रथै, का ऊ उनखर बारे हे देरी करी?
ऊ उनखर लग अक्ठी किस्सा गुठेथै, अउ सगलू रूख अउ अंजीर के रूख के देखा।
काखे हइ दुनिया बडी आसा के संग ऊ टेम के ओरगे हबै, जब भगवान कर टोरवा के परगट करे जही।
अउ सिबाय दुनिया परेसान हुइके नेहको तडपथै, पय हमु परेसान होथन, जिनही आतमा के फडुहा मिलिस, जउन खुदय कराहथै, अउ लेपालक टोरवा बनै के मतलब अपन देह के मुकति के निता ओरगथन।
ऊ आतमा हमर वारिस के रूप हे जमानत के रूप हे ऊ टेम तक हे दइ दय गय हबै, जब तक कि ऊ हमही जउन ओखर अपन हबै पूर मेर लग मुकति नेहको दइ देथै, एखर कारन मनसे ओखर महिमा के बडाई करै।
तुम भगवान बाफ के पवितर आतमा के दुखी झइ करा, जेखर लग तुम्हर उप्पर मुकति के रोज के निता छाप दय गय हबै।