18 पय तुम्हर मूड के अक्ठी चूंदी बाका नेहको होही।
तुम्हर तो मूड के चूंदियो तक गिनरे हर हबै।
सच तो हइ हबै कि तुम्हर मूंड के अक्ठी चूंदी तक गिनररेहर हबै, झइ डर, तुम्हर दाम कइठे गलइयन लग कहुं अधिक बढके हबै।
मोर नाम के कारन सगलू मनसे तुम्हर लग घिनाही।
इहैनिता तुमके समझाथो कि कुछ खाय लो, जेखर ले तुम्हर बचाव होय काखे तुम मसे कउनो के मूड के अक्ठी चूंदी नेहको गिरही।”