9 फेर यीसु मनसेन के हइ किस्सा सुनाथै, कउनो मनसे अंगूर के बगिया लगाइस अउ उके कुछ किसानन के ठेका हे दइके बोहत रोज के निता परदेस चले गइस
स्वरग कर राज ऊ मनसे के जसना होही, जउन दूसर देस जात टेम अपन हरवाहन के बोलाथै अउ उनही अपन डेरा सउप देथै।
यीसु कथै, अक्ठी धनी मनसे बोहत दुरिहां देस हे चला, अपन निता राज पाठ के फेरै लामै के निता सोचथै।
टेम आमै हे ऊ फसल के हिस्सा पामै के निता किसानन के लिघ्घो अक्ठी हरवाह के पठोथै, कि उन बगिया के बारी के कुछ फडुहा के बांटा उके दे, पय किसान उके मारथै पीटथै अउ छूछे हाथ लउटाय देथै।
“यीसु उनखर लग कथै, मै तुमके नेहको गुठेहूं, कि मै हइ काम केखर हक लग करथो।”