44 यूसुफ अउ मरियम हइ बात के समझथै, कि ऊ यातरी समूह मनसेन के संग होही, इहैनिता उन अक्ठी रोज के यातरा पूर करै के बाद उके अपन परवार अउ संगिन के बीच खोजै लगथै।
जब तेउहार के रोज पूर होथै, ता यूसुफ अउ मरियम अपन घर छो लउटथै, ता लरका यीसु यरुसलेम सहर छो रह जथै, अउ ओखर दाय-बाफ हइ नेहको जानथै।
अउ जब यीसु उनके नेहको मिलथै, तब उन खोजत-खोजत यरुसलेम छो लउट गइन।
पय ऊ सगलू मनसे जउन यीसु के चीनथै, ऊ डउकी समेत जउन गलील सहर ले, ओखर संग आय रथै अउ उन दुरिहां ठाड हुइके ई सबझन देखत रथै।