36 हन्ना नाम के अक्ठी ग्यानी मनसे रथै, जउन आसेर के बिरादरी फनूएल के बिटिया रथै, अउ बोहत बुढिया रथै, अउ काज होये के बाद अपन डउका के संग सिबाय सात साल रथै।
अउ हइ तलबार तोर परान के आर पार छेद दइ, हइमेर बोहत झन के बिचार परगट हुइ जही।
हन्ना उहै टेम आयके भगवान के धन्यबाद देय लगथै, अउ जउन मनसे यरुसलेम सहर के मुकति के ओरगथै, ऊ उन सब के ऊ लरका के बारे हे गुठेवै लगिन।
उन रोज हे अपन हरवाह, अउ हरवाहिन हे अपन आतमा दइहों, अउ उन आगू कर बात गुठेही।
ओखर चार कुमारी टोरिया रथै, जउन आगू कर बात करथै।
अउ जउन डउकी मूड उघारे बिनती या आगू कर बात गुठेथै, ऊ अपन मूड के बेज्जती करथै, काखे ऊ मुन्डा होमै के बरोबर हबै।
हे भाई बेहन मै नेहको चाहथो, कि तुम आतमिक के बरदान के बारे हे अनचिन्हार रहा।
बिस्वास के भेद जउन परगट करे गय हबै, कि मुखिया निरदोस, अउ अक्ठिन डउकी के डउका अउ संयमी, सुसील, निक्खा मनसे, पहुनाई करै बाले अउ सिखामै हे निपुड होय।
उहै बिधवा के नाम लिखे जाय जउन साठ साल ले कम के झइ होय, अउ अकठेन डउका के डउकी रहे होय,
आसेर परवार मसे बारह हजार हे, नप्ताली के परवार बारह हजार मनसे अउ मनस्सिह के परवार बारह हजार रथै,