15 जब स्वरगदूत बरेदी लग बिदा हुइके स्वरग छो कढ जथै, ता बरेदिया अक्ठी दूसर लग हइ कथै, आबा हम बैतलहम सहर छो जाय के, ई बात के जउन हमार संग होय हबै, अउ परभु हमके उजागर करे हबै।
नियाव के रोज दख्खिन के रानी हइ पीढी के मनसेन के संग ठाड होही अउ पाप करै के छांड दइहीं, काखे ऊ भुंइ के दूसर छोर लग सुलेमान के संदेस सुनै आथै अउ इछो तो सुलेमान लग महान हबै।
सबले ऊंच स्वरग हे भगवान कर महिमा, अउ भुंइ हे उन मनसेन के सान्ति मिलै, जिनखर लग ऊ मगन हबै।
इहैनिता बरेदी हरबी चल दिहिन, अउ उहां जायके उन मरियम अउ यूसुफ के पाइन, अउ देखिन कि लरका सार हे सोय हर हबै।
आसीस देयत-देयत ऊ उनखर लग अलगे हुइ गइस अउ स्वरग छो उठाय लइ गइस।
मसीह यीसु स्वरग हे जायके भगवान के दहिना पल्ला बइठ गइस अउ सगलू स्वरगदूत, साहबन अउ सक्ति के ओखर कबजा हे के दय हबै।