48 अउ ऊ मनसे कुछु नेहको के पाथै, काखे कि ऊ सगलू मनसे बोहत धियान लग यीसु के बातन के सुनथै।
यीसु सबरोज मन्दिर हे सिखावत रथै, पय प्रधान याजक अउ नियाव के गुरू, अउ अगुवा उके उजाडै के निता सोचथै।
अक रोज यीसु बिनती भवन छो मनसेन के सिक्छा देथै अउ संदेस सुनाथै, कि मुखिया याजक अउ नियाव के गुरू सियानन मनसेन के संग ओखर लिघ्घो आथै।
लुदिया नाम के थुआतीरा सहर के बैगनी कपडा बेचै बाले अउ भगवान कर आराधना करथै, ऊ डउकी हमर बात सुनत रथै। परभु ओखर मन के दूरा खोलथै कि ऊ पोलुस के बातन हे मन खुसी लग सुनै।