पय ओखर सहर के दूसर मनसे, ओखर लग बुराई करत रथै, इहैनिता ओही मारै के निता, ओखर पाछू अक्ठी मनसे के पठोथै, काखे हम नेहको चाहथन, कि ई मनसे हमर उप्पर राज करै।
अउ जउन तलबार के धार ले गिराय दय जही, अउ बन्दी बनके सगलू देसन हे पठोय दय जही, अउ यरुसलेम दूसर जातन के गोड तरी तब तक कचरै जही, जब तक गैर यहूदी के टेम पूर नेहको हुइ जही।