20 तीसर हरवाह आयके कथै, हे मालिक देख ई हबै, तोर पइसा जउन तै मोके दय रथस, मै इके निक्खा साफी हे गठियाय के धरे रहों।
तब ऊ आखरी हे आथै, जेही अक्ठी पइसा मिले रथै, ऊ आयके कथै, हे मालिक मै तोके जानथो, कि तै कठोर मनसे हबस, तै जिहां लग नेहको बोथस, उछो लग काटथस अउ जिहां नेहको छिटथस उछो लग बटोरथस।
ऊ अपन दसठे हरवाहन के अपन लिघ्घो बुलवाथै, अउ उनही सबझन के दस-दसठे खोटन्ना देथै, अउ उनके कथै, जब तक मै नेहको लउट आंव तब तक ऐहमा लेन देन करिहा।
मालिक ओही पांचठे सहर के जिम्मेदारी दइ देथै।
मै तोर लग डेराय रहों, काखे कि तै अक्ठी बेकार मनसे हबस, तै जउन धराय नेहको हबस, तै उहो के लइ लेथस, अउ जउन तै बोय नेहको हबस, वहु के काट लेथस।
रूख के जर हे टंगिया रखे जाय चुके हबै, जउन रूख निक्खा फडुहा नेहको देथै, ओही खपलही अउ आगी के भट्ठा हे डार दय जही।”
“जब तुम मोर बात हे नेहको चलथा, ता हे परभु, हे परभु काखे मोके कथा?
जउन मर गय रथै, ऊ कफन लग हाथ गोड हे बंधररे हर बाहिर निकड के आय जथै अउ ओखर मुंह कपडा लग लिपटे रथै, यीसु ओखर लग कथै, “ओही खोल देया अउ जाय देया।”
अउ यीसु के मूंड हे जउन साफी बंधे रथै, ऊ कपडा के संग पडे हर नेहको, बलुक दूसर जिघा सोच के अलगे धरे हर हबै।
जउन मनसे भलाई करै के जानथै, पय नेहको करथै उके पाप लगथै।