4 कुछ रोज तक ऊ न्यायधीस, ओखर बिनती के परवाह नेहको करथै, पय बाद हे ऊ अपन मनै मन हइ कथै, मै न भगवान लग डरथो, अउ न कउनो मनसे के परवाह करथो।
ऊ मनसे मन हे बिचार करिस अब मै काहिन करव? दाना रखै के निता मोर लिघ्घो जिघा नेहको हबै।
ता ऊ भन्डारी मनै मन सोचै लग जथै, अब मै काहिन करव? मालिक मोर लग भन्डारी के पद छीनथै, माटी खोदै के मोर हे बल नेहको आय, भीख मांगै हे मोके लाज लागथै।
यीसु कथै कउनो सहर हे अक्ठी न्यायधीस रहिस, जउन न भगवान लग डरथै अउ न कउनो मनसे के इज्जत करथै।
उहै सहर छो अक्ठी विधवा डउकी रथै, ऊ ओखर लिघ्घो आयके कहे करथै, मोर अनियाय के खिलाफ, उनखर लग मोके इन्साफ दिलवा।
ता ऊ बगिया के मालिक कथै, मै काहिन करव, अब मै अपन पिरिया टोरवा के, उनखर लिघ्घो पठोहूं, सायद उके देखके, उन मनसे ओखर इज्जत करै।
हमर दाय-बाफ हमही डांट फटकार करथै अउ हम उनखर इज्जत करत रहन, ता हमही कहुं बोहत सही नेहको कि हम अपन आतमिक बाफ के अधीन सुइकार करै के चाही, जेहमा लग हम जीवन पइ।