जउन कउ मनसे कर टोरवा के बिरोध हे अगर कुछ कथै, ता उके छमा करे जा सकथै, पय पवितर आतमा के बिरोध हे कुछु कइहीं ता उके छमा नेहको करे जही न तो हइ दुनिया हे अउ न स्वरग हे।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”