17 यीसु ओखर ले पूछथै, का अबहुन तक दसोठे कोढी मनसे सुध्द नेहको हुइन, फेर ऊ नवठे मनसे कछो हबै।
ऊ यीसु के धन्यबाद देत ओखर गोड हे मुंह के बल गिर पडिस, अउ ऊ सामरी रथै।
का ई परदेसी मनसे के छांड के, कउनो मनसे भगवान के, बडाई करै नेहको लउटिन।
काखे उन भगवान के जानत भरमा ऊ भगवान के ओग बडाई अउ धन्यबाद नेहको दइन उनखर सगलू चिन्ता बेकार हे चले गइस अउ उनखर मन अंधियार लग भर गइन।