हे कफरनहूम काखे तै सोचथस कि तोके स्वरग के महिमा लग उप्पर उठाय जही? तै तो नरक छो जइहे, जउन सक्ति के काम तोर लग करे गय रहिस, अगर ऊ सदोम हे करे जातिस ता ऊ सहर आज तक बने रहतिस।
पय मै तुम्हर लग हइ कथो, कि कउ अपन भाई या बेहन लग गुस्सा करही, ऊ स्वरग के अदालत हे सजा के लायक होही, जउन कउ अपन भाई के बेकार कहि, ऊ स्वरग के अदालत के सजा के लायक होही, जउन कउनो के मूरुख कहि, ऊ नरक के आगी के लायक होही।
ऊ अब्राहम के गोहराय के कथै, बाफ अब्राहम मोर हे दया कर, अउ लाजर के मोर लिघ्घो पठोय दे, कि ऊ पानी हे अपन अंगठी बुडोय के, मोर जीभ के ठंडवाय दे, काखे कि मै इछो आगी हे तडपथों।
तब उनके बहकामै बाले भुतवा के आगी अउ धंधकत कुन्ड हे डाल दय जही, जिहां गोरू अउ ठगरा ग्यानी मनसेन के डाले गय रथै, उन रात दिन पीरा हे हरमेसा तक तडपत रइहीं।