मै तुम्हर लग सही कथो, जब तक बादर अउ भुंइ समापत नेहको हुइ जथै, तब तक मूसा कर नियम के किताब अक-अक्ठी बात अउ अक-अक्ठी सब्द रही, ऊ तब तक बने रही, तब तक ऊ पूर नेहको जही।
भगवान उनखर आंखी लग हर अक्ठी आंसू पोंछ डालही अउ उहां अब न कबहुन मिरतू होही, न सोक के कारन कउ रइहिन अउ न कउनो पीरा, काखे हइ सगलू पुरान बात समापत हुइ चुके हबै।”