9 पइसा मिल जाय लग ऊ अपन सखी अउ परोसिन के बुलाय के गुठे, मोर खुसी हे सामिल हुइ जा, काखे भुलाय हर पइसा मिल गय हबै।
जब इलीसिबा के परोसी अउ ओखर परवार के मनसे हइ बात सुनिन, कि परभु ओखर हे बडा दया करे हबै, तब उन ओखर संग खुसी बनाथै।
मै तुम्हर लग कथो, स्वरग हे इहैमेर भगवान कर स्वरगदूत ऊ पापी मनसे के निता खुसी बनाथै, जउन पस्चाताप करथै।”
“कउन असना डउकी होही, जेखर लिघ्घो दसठे चांदी के पइसा हुइ अउ उनखर मसे अक्ठी पइसा भुलाय जाय, ता ऊ चिमनी जलाके के घर के झारी बहारी जब तक उके पइसा मिल नेहको जाय, तब तक ऊ उके खोजत रही?