30 पय जब तोर हइ नान टोरवा आय हबै, जउन बेकार कामन हे तोर धन डेरा बढोय डारे हबै अउ तै ओखर निता पाले हर बोकडा कटवाय हबस।
काखे कि सगलू मनसे अपन बढत मसे दय हबै, पय ई डउकी अपन गरीबी हे रही के अपन सगलू उमर भर के कमाई के पइसा डाल देथै।”
पय ऊ अपन बाफ के जबाब देथै, मै एतका साल लग तोर सेबा करे हव अउ कबहुन तोर आदेस के उलंघन नेहको करे हव, पय कबहुन तै मोके अक्ठी छेडी के लरका तक मोके नेहको दय हबस, कि महुं अपन संगिन के संग खुसी बनाय सको।
बाफ ओखर लग कथै, टोरवा तै तो सबदिना मोर संग रथस अउ जउन कुछ मोर हबै, ऊ सगलू कुछ तोरै तो हबै।
हमर निता खुसी बनामै के सही हबै, काखे तोर हइ भाई मर गय रहै, अब जिन्दा हुइ गय हबै, ऊ जउन भुलाय गय रहै, ऊ अब मिल गय हबै”
फरीसी मनसे ठाडे ठाड हइमेर बिनती करत रथै, हे भगवान मै तोके धन्यबाद देथो, कि मै दूसर मनसेन के जसना लालची, अन्यायी, अउ बेभिचारनी नेहको हबो अउ न हइ पइसा उगाहै बाले साहब के जसना हबो।