25 ओखर बडका टोरवा खेत लग काम करके घर छो लउटथै, जब घर के लिघ्घो आथै, ता उके गामै बजामै अउ नाचै के आरो सुनाई देथै।
काखे मोर हइ टोरवा मर गय रहिस अउ फेरै जिन्दा हुइ गय हबै, हइ भुलाय गय रहिस अब ऊ फेरै मिल गय हबै अउ उन खुसी बनामै लग जथै।
ता ऊ अक्ठी सेबक के बुलाय के पूछथै, हइ सब काहिन होथै?
ऊ बजार हे बइठे हर लरकन के जसना हबै, जउन अक्ठी दूसर लग पुकार के कथै, हम तुम्हर निता बसुरी बजायन, पय तुम नेहको नाचे, हम तोर निता रोय के गाना गायन, पय तै नेहको रोय।