18 मै उठके अपन बाफ के लिघ्घो जहुं अउ ओखर लग कइहों कि “बाफ जी मै स्वरग के बिरुध अउ तोर बिरुध पाप करे हबो।
उन अपन-अपन पापन के मानके, यरदन नदिया हे यूहन्ना लग बतिस्मा लेथै।
इहैनिता अगर तुम दूसर मनसेन के गलती के छमा करिहा, ता तुम्हर स्वरग के बाफ तुमही छमा करही।
इहैनिता तुम हइ मेर लग बिनती करा, हे हमर बाफ, तै जउन स्वरग हे हबस, तोर नाम पवितर माने जाय।
बेकार हुइके अगर तुम अपन लरकन के निक्खा चीज देथा, ता तुम्हर स्वरग कर बाफ अपन मांगै बालेन के निक्खा चीज काखे नेहको देही।
यीसु चेलन लग कथै, जब तुम बिनती करथा, तब हइ कहा, हे हमर बाफ तोर नाम पवितर माने जाय, तोर राज आबै।
तब ऊ होस हे आइस अउ हइ सोचै लगिस, मोर बाफ के घर छो केतका मजदूर के जरूरत लग अधिक खाय के मिलथै अउ इछो मै भूख मरथो।
मै तोर टोरवा कहामै के काबिल नेहको हबो, तै मोके अपन मजदुरिहा समझ के अपन लिघ्घो रख ले।”
“टोरवा बाफ लग कथै, बाफ जी, मै स्वरग के बिरोध हे अउ तोर परति पाप करे हव, मै तोर टोरवा कहामै के काबिल नेहको हबो।”
“पय पइसा उगाहै बाले सिपाही दुरिहां ठाड रथै अउ इहां तक कि स्वरग छो, अपन आंखी तक नेहको उठावत रहिस, अपन छाती ठोक के कथै, हे भगवान मै पापी हबो मोर हे दया कर।