तोर बैरी तोके अदालत हे लइ जात टेम जब रास्ता हे होय, ता तै ओही हरबी अपन संगी बनाय ले, कहुं असना झइ होय कि तोके नियाव करै बाले के हाथ हे सउप दे अउ नियाव करै बाले सिपाही के जउन तोके जेल हे डाल देही।
जब तुम अपन बैरी के संग सजा देय बाले के लिघ्घो जथा, ता गली हे ओखर लग समझामै के परयास करा, कहुं असना झइ होय कि ऊ तुमके सजा देय बाले के लिघ्घो घसीट के लइ जाय, अउ सजा देय बाले तुमके सिपाही के हबाले कर दे अउ सिपाही तुमके जेल हे डाल दे।
असना कोहर राजा हुइ, जउन दूसर राजा लग युध्द करै के पहिलेन हइ बिचार न करी कि ऊ अपन दस हजार सुपाहिन के संग अपन बिरुध बीस हजार के सेना लग सामना कर सकथै, या नेहको?
पय ओखर सहर के दूसर मनसे, ओखर लग बुराई करत रथै, इहैनिता ओही मारै के निता, ओखर पाछू अक्ठी मनसे के पठोथै, काखे हम नेहको चाहथन, कि ई मनसे हमर उप्पर राज करै।
हेरोदेस राजा सूर अउ सैदा के मनसेन लग बोहत गुस्साय रथै। ऊ अक्ठी समूह बनाय के ओखर लग मिलै आइन, राजा कर खास करमचारी बलास्तुस के समझाय के उन हेरोदेस लग सान्ति के बिनती करिन, काखे उनखर देस कर राजा के देस लग खाना खाय के मिलथै।