49 मै भुंइ हे आगी लगामै आय हबो, अउ मै का चाहथो, कि हइ आगी अभिनैन सिलग जही।
पय जउन अनजाने हे मार खाय के काम करे हबै, ऊ चुटु मार खाही जेही बोहत दय गय हबै, ओखर लग बोहत लय जही अउ जेही सउपे गय हबै ओखर लग बोहत लय जही।
पय मोके बतिस्मा लेय के जरूरी हबै अउ जब तक हइ काम नेहको हुइ जथै, मै केतका परसान हबो।
जउन मोके पठोय हबै, हमही ओखर काम के दिनै हे करै के जरूरी हबै, रात आउत हबै जब कउनो मनसे काम नेहको कर सकथै।