46 ता ऊ हरवाह के मालिक, असना रोज आ जइ, जब उके नेहको ओरगी, अउ उहै टेम जेखर बारे हे उके पता नेहको हबै, ता मालिक उके कठोर दन्ड दइके ओखर गिनती अबिस्वासी हे कर दइ।
सुना, मै चोरटा के जसना अइहों, धन्य हबै ऊ, जउन जगथै अउ अपन बन्डी के अपन संग धरथै, ताकि कहुं असना झइ होय कि ऊ बिना बन्डी के फिरै अउ मनसे के बिना बन्डी के बेज्जती होमैके पडै।