41 पतरस यीसु लग पूछथै, “परभु का तै हइ किस्सा हमर निता कथस? या सगलू मनसेन के निता।”
अउ जउन तुम्हर लग कथो, ऊ सब लग कथो, जगत रहा।”
लउट के आथै ता, यीसु सब कउ के सोउत पाथै, अउ पतरस लग कथै, हे समोन तै सोथस? का अको घरी तुम मोर संग नेहको जाग सकथा?
हरवाह अपन मालिक के इक्छा के जानथै, अउ ओखर निता तइयार नेहको रथै, अउ न ओखर इक्छा के जसना काम करिस, ऊ बोहत पिटान पाही।
पय जउन अनजाने हे मार खाय के काम करे हबै, ऊ चुटु मार खाही जेही बोहत दय गय हबै, ओखर लग बोहत लय जही अउ जेही सउपे गय हबै ओखर लग बोहत लय जही।
ऊ टेम निकट हबै जब सब कुछ बढाय जही, इहैनिता समझदार बना अउ धीर धरा, जेखर लग तुम पराथना बिनती के सका।
तुम धीर धरे रइहा, अउ जगत रइहा काखे तुम्हर बिरोधी परेत गरजय बाले बघवा के जसना हबै हइ खोज हे बागत रथै कि करही चीर खाव।