जब उन पतरस अउ यूहन्ना के हिम्मत देखथै अउ हइ जानथै, कि हइ अनपढ अउ सच्चे मनसे हबै, ता अचम्भित हे पड गइन, फेर उन उनही चीनथै कि हइ यीसु कर संग रह चुके हबै।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”